रात का अंधेरा गहरा हो चुका था, और चाँदनी आसमान में छिपी हुई थी। गाँव के बाहर एक पुराना कुआँ था, जिसके बारे में कहा जाता था कि वहाँ कभी कोई गया तो वापस नहीं आया। एक रात, अर्पित नाम का एक लड़का उस कुएँ के पास से गुजर रहा था। उसने सुना कि कुएँ के अंदर से एक अजीब सी आवाज़ आ रही है, जैसे कोई उसे बुला रहा हो।
अर्पित ने साहस जुटाया और कुएँ के किनारे पर झुककर अंदर देखा। अंदर अंधेरा था, लेकिन कहीं दूर से एक हल्की सी रोशनी दिखाई दे रही थी। तभी उसने महसूस किया कि कुआँ उसे अंदर खींच रहा है। उसने पीछे हटने की कोशिश की, लेकिन वह खुद को रोक नहीं पाया।
जैसे ही वह कुएँ में गिरा, उसने देखा कि वह एक अलग ही दुनिया में है। वहाँ समय का कोई मतलब नहीं था, और हर चीज उल्टी-सीधी लग रही थी।
कहानी का विस्तार:
अर्पित ने देखा कि वह एक विशाल कक्ष में है, जहाँ चारों ओर घड़ियाँ लटकी हुई हैं। हर घड़ी अलग समय दिखा रही थी। कुछ घड़ियाँ तेजी से चल रही थीं, तो कुछ रुकी हुई थीं।
तभी उसे एक आवाज़ सुनाई दी, "तुम समय के जाल में फंस गए हो, अर्पित। अगर तुम यहाँ से बाहर निकलना चाहते हो, तो तुम्हें समय के रहस्य को समझना होगा।"
अर्पित ने पूछा, "मैं यहाँ से कैसे निकल सकता हूँ? मुझे क्या करना होगा?"
आवाज़ ने कहा, "तुम्हें अपने अतीत, वर्तमान और भविष्य का सामना करना होगा। केवल तभी तुम इस जाल से बाहर निकल सकते हो।"
अर्पित ने अपनी आँखें बंद कीं और अपने अतीत को याद किया। उसे अपने बचपन की एक घटना याद आई, जब उसने अपने सबसे अच्छे दोस्त को धोखा दिया था। उसने महसूस किया कि उस घटना ने उसके मन में एक गहरा घाव छोड़ दिया था।
फिर उसने अपने वर्तमान के बारे में सोचा। उसे एहसास हुआ कि वह हमेशा अपने अतीत के बारे में सोचकर परेशान रहता था, और उसने अपने वर्तमान को पूरी तरह से जीना छोड़ दिया था।
अंत में, उसने अपने भविष्य के बारे में सोचा। उसे एहसास हुआ कि अगर वह अपने अतीत को पीछे छोड़ दे और अपने वर्तमान पर ध्यान दे, तो उसका भविष्य बेहतर हो सकता है।
जैसे ही उसने यह सब समझा, उसके आसपास की घड़ियाँ गायब होने लगीं, और वह खुद को कुएँ के बाहर पाया।
नैतिक संदेश:
इस कहानी का मुख्य संदेश यह है कि हमें अपने अतीत को पीछे छोड़कर अपने वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए। समय का सही उपयोग करके हम अपने भविष्य को बेहतर बना सकते हैं।
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