रहस्यमयी पेड़ का रहस्य (The Mystery of the Enchanted Tree)

गहरे जंगल के बीच एक पुराना पेड़ था, जिसके बारे में कहा जाता था कि वह रहस्यमयी शक्तियों से भरा हुआ है। गाँव के लोग उस पेड़ के पास जाने से डरते थे, क्योंकि ऐसी अफवाह थी कि जो भी उस पेड़ के नीचे रुकता है, वह कभी वापस नहीं आता। एक दिन, एक जिज्ञासु लड़का, अर्जुन, जो गाँव का सबसे बहादुर युवक था, उस पेड़ के रहस्य को जानने का फैसला करता है। उसकी यात्रा शुरू होती है, लेकिन जैसे-जैसे वह पेड़ के करीब पहुँचता है, उसे अजीब आवाजें सुनाई देने लगती हैं। क्या वह इस रहस्य को सुलझा पाएगा?  

कहानी: 

रहस्यमयी पेड़ का रहस्य (The Mystery of the Enchanted Tree)

अर्जुन ने अपने पिता से उस पेड़ के बारे में सुना था। उसके पिता ने कहा था, "बेटा, वह पेड़ सिर्फ एक पेड़ नहीं है। उसके नीचे एक गुप्त दुनिया का दरवाजा है। लेकिन वह दरवाजा खोलने की कीमत बहुत भारी है।" अर्जुन ने सोचा, "क्या यह सच हो सकता है? क्या वाकई उस पेड़ के नीचे कोई गुप्त दुनिया है?"  

अगले दिन, अर्जुन ने अपने दोस्तों को बताया कि वह उस पेड़ के पास जाने वाला है। उसके दोस्तों ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन अर्जुन का मन पक्का था। वह अपने साथ एक छोटी सी तलवार और कुछ खाने का सामान लेकर चल पड़ा।  

जंगल का रास्ता बहुत ही डरावना था। पेड़ों की घनी छाया और चारों तरफ सन्नाटा। अर्जुन को लगा जैसे कोई उसका पीछा कर रहा है। वह रुका और पीछे मुड़कर देखा, लेकिन वहाँ कोई नहीं था। उसने अपने आप को समझाया कि यह सिर्फ उसका डर है।  

जैसे-जैसे वह पेड़ के करीब पहुँचा, उसे एक अजीब सी आवाज सुनाई दी। यह आवाज किसी के रोने जैसी थी। अर्जुन का दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने सोचा, "क्या मुझे वापस लौट जाना चाहिए?" लेकिन उसकी जिज्ञासा उसे आगे बढ़ने के लिए मजबूर कर रही थी।  

जब वह पेड़ के नीचे पहुँचा, तो उसने देखा कि पेड़ की जड़ों के बीच एक छोटा सा दरवाजा है। वह दरवाजा इतना छोटा था कि सिर्फ एक बच्चा ही उसमें से गुजर सकता था। अर्जुन ने सोचा, "क्या मुझे अंदर जाना चाहिए?" उसने दरवाजा खोला और अंदर झाँका। अंदर अंधेरा था, लेकिन उसे एक हल्की सी रोशनी दिखाई दी।  

अर्जुन ने अपने आप को हिम्मत दी और अंदर चला गया। अंदर एक लंबा सुरंग था, जो उसे एक अलग ही दुनिया में ले गया। वह दुनिया इतनी सुंदर थी कि अर्जुन की आँखें चौंधिया गईं। वहाँ हर तरफ रंग-बिरंगे फूल और पेड़ थे। लेकिन उस दुनिया में कोई इंसान नहीं था।  

अचानक, अर्जुन को एक आवाज सुनाई दी, "तुम यहाँ क्यों आए हो?" अर्जुन ने चारों तरफ देखा, लेकिन उसे कोई नहीं दिखा। फिर वह आवाज फिर से आई, "मैं यहाँ हूँ।" अर्जुन ने देखा कि एक छोटा सा परी उसके सामने खड़ी है।  

परी ने कहा, "तुम यहाँ क्यों आए हो? क्या तुम जानते हो कि यह दुनिया किसके लिए है?" अर्जुन ने कहा, "मैं सिर्फ यह जानना चाहता था कि इस पेड़ का रहस्य क्या है।"  

परी ने मुस्कुराते हुए कहा, "यह दुनिया उन लोगों के लिए है जो सच्चे दिल से किसी चीज़ की तलाश में आते हैं। लेकिन यहाँ से वापस जाने के लिए, तुम्हें एक परीक्षा पास करनी होगी।"  

अर्जुन ने पूछा, "क्या परीक्षा?"  

परी ने कहा, "तुम्हें यहाँ के राजा से मिलना होगा। अगर तुम उन्हें अपनी बहादुरी और ईमानदारी से प्रभावित कर सकोगे, तो तुम्हें वापस जाने की अनुमति मिल जाएगी।"  

अर्जुन ने हाँ में सिर हिलाया और परी के साथ चल पड़ा। वे एक बड़े महल के सामने पहुँचे, जहाँ राजा उनका इंतज़ार कर रहे थे। राजा ने अर्जुन से कहा, "तुम्हें तीन कार्य पूरे करने होंगे। पहला, तुम्हें इस जंगल के सबसे खतरनाक जानवर को हराना होगा। दूसरा, तुम्हें इस नदी के पार जाना होगा, जिसमें कोई पुल नहीं है। और तीसरा, तुम्हें इस गुफा में छिपे हुए खजाने को ढूँढना होगा।"  

अर्जुन ने सोचा, "यह बहुत मुश्किल है, लेकिन मैं हार नहीं मानूंगा।"  

उसने पहले कार्य के लिए जंगल में जाने का फैसला किया। जंगल में उसे एक विशालकाय साँप मिला, जो उस पर हमला करने वाला था। अर्जुन ने अपनी तलवार से साँप को हरा दिया।  


दूसरे कार्य के लिए, उसने नदी के किनारे एक पेड़ देखा। उसने पेड़ की शाखाओं से एक छोटी सी नाव बनाई और नदी पार कर गया।  

तीसरे कार्य के लिए, उसने गुफा में जाकर खजाने को ढूँढ निकाला।  

राजा ने अर्जुन की बहादुरी और समझदारी से प्रभावित होकर उसे वापस जाने की अनुमति दे दी।  

कहानी से सीख

अर्जुन ने सीखा कि सच्ची बहादुरी और ईमानदारी से हर मुश्किल को हराया जा सकता है। वह वापस गाँव लौट आया और उसने सबको अपनी कहानी सुनाई।