भगवान हनुमान 🙏, जो अपने भक्तों के कष्ट हरने वाले, बल, बुद्धि और भक्ति के प्रतीक माने जाते हैं, उनके जन्मस्थान को लेकर कई पौराणिक मान्यताएँ प्रचलित हैं। हालांकि, सबसे प्रमुख मान्यता यह है कि हनुमान जी का जन्म कर्नाटक राज्य के हम्पी में स्थित अंजनेयाद्री पर्वत ⛰️ पर हुआ था।
यह वही स्थान है, जहाँ माता अंजनी ने कठोर तपस्या की थी और भगवान शिव जी की कृपा से उन्हें एक दिव्य पुत्र की प्राप्ति हुई, जो आगे चलकर भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान बने। इसी कारण से हनुमान जी को अंजनेय (Aanjaneya) भी कहा जाता है। 💫
🌟 हनुमान जी के जन्म की पौराणिक कथा 📖
पुराणों के अनुसार, माता अंजनी पूर्व जन्म में एक अप्सरा थीं, जो एक श्राप के कारण वानर योनि में जन्म लेने के लिए बाध्य हुईं। इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया कि वे उनके पुत्र के रूप में जन्म लेंगे।
उसी समय, अयोध्या के महाराज दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ किया था, जिससे उन्हें दिव्य खीर प्राप्त हुई। उस खीर का एक भाग गरुड़ 🦅 के माध्यम से माता अंजनी के हाथों में गिरा, जिसे ग्रहण करने के बाद हनुमान जी का जन्म हुआ। 🍼✨
🌍 हनुमान जी के जन्मस्थान को लेकर विभिन्न मान्यताएँ 🏛️
1️⃣ अंजनेयाद्री पर्वत, हम्पी (कर्नाटक) ⛰️ – सबसे अधिक मान्यता प्राप्त स्थान, जहाँ एक प्राचीन हनुमान मंदिर स्थित है।
2️⃣ अंजन गाँव, झारखंड 🏡 – झारखंड के गुमला जिले में स्थित इस स्थान को भी हनुमान जी की जन्मभूमि माना जाता है।
3️⃣ अंजनाद्री पर्वत, आंध्र प्रदेश 🏔️ – यहाँ भी हनुमान जी के जन्म से संबंधित मान्यताएँ प्रचलित हैं।
4️⃣ त्र्यंबकेश्वर, नासिक (महाराष्ट्र) 🌅 – इस स्थान को भी हनुमान जी की जन्मस्थली माना जाता है।
🛕 हनुमान जी की पूजा विधि 🙏
हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को की जाती है। इन दिनों हनुमान भक्त उपवास रखते हैं और विशेष अनुष्ठान करते हैं।
📜 पूजा करने की विधि
✅ स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। 🛁👗
✅ हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएँ। 🪔
✅ गाय के घी और चमेली के तेल का दीपक अर्पण करें। 🏵️
✅ हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें। 📖
✅ लड्डू, गुड़-चना और तुलसी पत्र का भोग लगाएँ। 🍬🌿
✅ सिंदूर और चोला चढ़ाएँ, क्योंकि हनुमान जी को सिंदूर अत्यंत प्रिय है। 🔴
✅ हनुमान मंदिर में केसरिया ध्वज अर्पण करें। 🚩
🌟 हनुमान जी को प्रिय वस्तुएँ
- भोग – बेसन के लड्डू, गुड़-चना 🍛
- रंग – केसरिया और लाल 🎨
- पुष्प – लाल गुलाब और गुड़हल 🌺
- मंत्र – "ॐ हं हनुमते नमः" ✨
💖 हनुमान जी की पूजा करने के लाभ 🚀
🔹 भय और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा 🛡️
🔹 रोग, शारीरिक कष्ट और शनि दोष से मुक्ति 🏥
🔹 साहस, आत्मविश्वास और बल में वृद्धि 💪
🔹 समस्त संकटों से रक्षा और मनोकामनाओं की पूर्ति 🎯
🔚 निष्कर्ष (Summary) 📜
भगवान हनुमान जी के जन्मस्थान को लेकर विभिन्न मान्यताएँ हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध स्थान कर्नाटक का अंजनेयाद्री पर्वत माना जाता है। भक्तगण हनुमान जी की मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा करते हैं, जिसमें हनुमान चालीसा का पाठ, दीपक जलाना, सिंदूर चढ़ाना और लड्डू का भोग लगाना शामिल होता है। 🌿🔥
हनुमान जी की पूजा करने से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। उनके आशीर्वाद से जीवन में संकट दूर होते हैं और विजय प्राप्त होती है। 🚀✨
Social Plugin