गांव में एक अजीब सी खामोशी छाई हुई थी। यह शाम का समय था, और हर कोई अपने-अपने घरों में था। लेकिन कुछ लोग कहते थे कि इस समय, गांव के बाहर स्थित पुराने मंदिर में कुछ अजीब सा घटित होता है। रात के घने अंधेरे में, कभी-कभी रोशनी की झलक दिखती थी, और फिर अचानक वह गायब हो जाती। यह क्या था? कोई कहता था कि वह मंदिर शापित है, तो कोई इसे भगवान का चमत्कार मानता था। हर किसी के मन में एक सवाल था – क्या यह सच है, या सिर्फ एक अफवाह?
वो रहस्यमयी मंदिर (Woh Rahasyamayi Mandir)
गांव के लोग कहते थे कि जो भी रात के समय उस मंदिर के पास जाता, वह कभी लौट कर नहीं आता। लेकिन राघव, जो हमेशा अपनी साहसिक प्रवृत्तियों के लिए जाना जाता था, ने ठान लिया कि वह इस रहस्य का पर्दाफाश करेगा। एक रात, जब सभी लोग सोने चले गए, राघव ने बिना किसी की मदद के, मंदिर की ओर रुख किया। जैसे ही वह मंदिर के पास पहुंचा, उसे महसूस हुआ कि हवा में एक हल्की सर्दी घुल चुकी है। वह धीरे-धीरे मंदिर के अंदर गया, और उसके कदमों की आवाज़ एकदम सन्नाटा तोड़ रही थी। अंदर की शांति उसे डरावनी महसूस हो रही थी। लेकिन फिर, जैसे ही वह गर्भगृह के पास पहुंचा, उसे एक अनहोनी सी आहट सुनाई दी। क्या वह सच में अपने जीवन को खतरे में डालने जा रहा था?
राघव ने देखा कि अचानक मंदिर की दीवारों पर हल्की-सी रोशनी आने लगी। यह कोई साधारण रोशनी नहीं थी, बल्कि ऐसा महसूस हो रहा था जैसे किसी दिव्य शक्ति का आह्वान हो रहा हो। जब उसने आगे बढ़ने की कोशिश की, तो सामने अचानक एक भव्य दृश्य था। मंदिर के गर्भगृह में, जहां पहले कभी कोई नहीं देखा था, वहां एक तेज़ आभा से निकलता हुआ प्रकाश दिखाई दिया। राघव ने महसूस किया कि वह चमत्कारी शक्ति से जुड़ चुका था।
कहानी का सारांश:
राघव ने अपने डर को मात दी और उस रहस्यमयी मंदिर में प्रवेश किया। मंदिर की रोशनी और अदृश्य शक्ति ने उसे अहसास कराया कि वह कोई सामान्य स्थान नहीं, बल्कि दिव्य शक्तियों का घर है। इस अनुभव के बाद राघव ने सबको बताया कि वह जिस रहस्य का शिकार हुआ, वह सिर्फ एक चमत्कार था, जो उस मंदिर में बसा था।
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